कुछ समय के अभ्यास के बाद आप जब चाहे बिना साधना में बैठे भी खुद को इस अवस्था में रख सकते है. ॥ ॐ सः सः सम्मोहनाय ह्रीं ह्रीं ऊं फट स्वाहाः॥ Appreciate alone is a very powerful thing, but there are occasions any time you don’t have it reciprocated. https://rylannbmli.pages10.com/detailed-notes-on-free-vashikaran-67299489